छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग में फर्जीवाड़े और महिला उत्पीड़न के विरोध में एबीवीपी का रायपुर में विशाल प्रदर्शन

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एबीवीपी ने भूपेश बघेल सरकार की विफलताओं के विरोध में 'छात्र आक्रोश रैली' का आयोजन किया

 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में हुई धांधली, प्रदेश में लगातार बढ़ते महिला उत्पीड़न सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर हजारों की संख्या में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से विद्यार्थी रायपुर पहुंचे और सरकार की विफलताओं तथा भ्रष्टाचार का विरोध किया। भूपेश बघेल सरकार द्वारा परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से न करवा पाने से गुस्साए प्रदेश के छात्र मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंचे और सरकार की विफलताओं पर जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने लोकतांत्रिक प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज भी किया ।

 

पिछले 5 वर्षों से छत्तीसगढ़ प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिन भी रिक्त पदों पर भर्तियां आती हैं उसमें प्रदेश में पद पर आसीन मंत्रियों द्वारा अपने करीबियों को भर्ती करवा दिया जाता है। पीएससी 2022 परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में गड़बड़ी उजागर होने से पीएससी परीक्षा के लिए दिन-रात एक करने वाले युवाओं को न केवल निराशा और दुःख हुआ बल्कि वे आक्रोशित भी हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गड़बड़ी की आशंका को प्रथमदृष्टया न नकारना भी गड़बड़ी के संदेह को ही पुष्ट करता है। ऐसे में अभाविप द्वारा किए गए इस आंदोलन में प्रदेश भर से छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पुलिस प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज किए जाने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी। सीजीपीएससी के विषय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह कहना कि अबतक किसी परीक्षार्थी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई, युवाओं को आक्रोशित करने के लिए पर्याप्त है।

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छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार रोज़ नए घोटाले किए जा रही है। यहां जनता की सेवा करने की जगह प्रदेश के नेता खुद के घर की सेवा करने में मस्त हैं, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं की सुरक्षा हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उल्टा महिला संबंधी अपराधों में प्रदेश के नेताओं की स्वयं संलिप्तता रही है। छत्तीसगढ में महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश भर से आज चाकूबाजी, हत्या, लूट आदि आपराधिक मामलों के समाचारों की बाढ़-सी आ गई है। दिन ढलने के बाद लोगों को बाहर निकलने से पहले विचार करना पड़ रहा है। प्रदेश में छात्राओं-महिलाओं के साथ-साथ छोटी बच्चियों के विरुद्ध बढ़ते यौन अपराधों ने उनमें असुरक्षा का भाव भर दिया है। समाचार पत्र बलात्कार, घरेलू हिंसा, हत्या आदि के समाचारों से अटे पड़े हैं। राजधानी रायपुर से नजदीक लगे एक गांव में रक्षाबंधन के दिन 2 सगी बहनों के साथ हुए दुष्कर्म हो या रायपुर में 5 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हो चाहे वो रायपुर के गुढियारी में एक नाबालिग छात्रा का सर काट कर उसे सड़क में घूमाना हो, हर वर्ग की महिलाएं आपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में लगातार विफल रही है। यदि हम आंकड़ों की ओर देखें तो पता चलता है कि NCRB की रिपोर्ट के अनुसार अकेले वर्ष 2021 में बलात्कार के 1093 केस दर्ज किए गए थे। ध्यान रहे कि यह दौर कोविड-19 की महामारी के दौर का था। इसी तरह पिछले एक साल में पॉक्सो कानून के अंतर्गत 2361 मामले दर्ज किए गए, जो निश्चित रूप से समाज के लिए चिंता का विषय है। लेकिन प्रदेश में बैठी सरकार को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता। महिलाओं, छात्राओं और छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की निरंतर बढ़ती घटनाएं सरकार के ढीले रवैए को साफ़-साफ़ दिखाती हैं। 

 

इतना ही नहीं, इन अपराधों की सबसे बड़ी वजह है शराब, और शराबबंदी करने का वचन देकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ने वाले मुख्यमंत्री ने उल्टे पूरी सरकार को ही शराब बेचने में लगा दिया। महासमुन्द में घरेलू हिंसा से पीड़ित एक महिला द्वारा अपनी बच्चियों को लेकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने का वाक्य लोगों को अब तक याद है और एक तरफ प्रदेश सरकार है जो अपराधियों को रोकने की बजाए उन्हें संरक्षण दे रही है, उन्हें बढ़ावा दे रही है। और-तो-और प्रदेश के गृहमंत्री ने आज तक इन अपराधों और अपराधियों के प्रति सख्त रूख दिखाना तो दूर, उनकी निन्दा तक नहीं की। 

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उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी परिषद लगातार उपर्युक्त विषयों को लेकर जांच व उचित कार्रवाई करने का आग्रह करती रही। पीएससी मामले में भी परिषद ने सभी जिला कलेक्टरों से लेकर मुख्यमंत्री तक और यहां तक कि राज्यपाल के समक्ष भी जांच करवाने की मांग रख चुकी है, लेकिन अब तक सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया।

 

महिला सुरक्षा के विषय में भी अभाविप ने लगातर प्रदेश भर के परिसरों में छात्राओं से संवाद करते हुए उनकी सुरक्षा हेतु सरकार के समक्ष अपनी मांग रखी एवं समय-समय पर आंदोलन भी खड़ा किया। बलात्कारियों को तत्काल पकड़ा जाए और उनपर ठोस कार्रवाई हो यह मांग हमेशा से अभाविप ने की है।

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छात्र आक्रोश रैली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्री प्रफुल्ल आकांत तथा अभाविप की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश मंत्री मनोज वैष्णव सहित हजारों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों विद्यार्थियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। अभाविप की यह रैली सरकार को सख्त हिदायत देने को है कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करे अन्यथा जनता भूपेश सरकार को उठा फेंकने का काम करेगी।

 

"परिषद् ने किया चरणबद्ध आन्दोलन"

 

6 अक्टूबर के दिन परिषद ने चलो रायपुर का नारा तो दिया ही था, उसके साथ ही प्रदेश भर के सभी जिला केंद्रों में, नगर में एवं विभिन्न परिसरों में अभाविप ने चरणबद्ध आंदोलन कर इस आंदोलन हेतु वातावरण निर्मित किया। परिषद ने प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर छात्राओं की आत्मरक्षा प्रहार रैली, हस्ताक्षर अभियान, गेट मीटिंग, नुक्कड़ नाटक, पर्चा वितरण भी किया जिसमें सामान्य छात्रों का सहयोग परिषद के इस आंदोलन को मिला।

 

"परिषद् की प्रमूख मांगें"

1. सीजीपीएससी के परीक्षा परिणाम में हुए घोटाले का जांच की जाए और उच्च स्तरीय जांच कमिटी का गठन हो तथा जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

 

2. महिलाओं पर बढ़ते हुए अपराध पर अंकुश लगाने हेतु प्रदेश सरकार कोई ठोस कदम उठाए और दोषियों को राजनैतिक संरक्षण देना बंद करे।

 

3. बिगाड़ती कानून व्यवस्था, लूट पाट, चाकूबाजी जैसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार कोई कार्रवाई करे।

 

4. प्रदेश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने हेतु सरकार भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे और उनको जेल भेजे।