बीबीसी डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गूपने और हीनताबोध का प्रतीक।

दिनांक: 24 जनवरी 2023

-:प्रेस विज्ञप्ति:-

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गूपने और हीनताबोध का प्रतीक।

वर्तमान में भारत, जी-20 की अध्यक्षता की महत्त्वपूर्ण भूमिका में है। विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत परिवर्तनों से जनाकांक्षाओं को मूर्त रूप मिल रहा है। इस तरह की स्थिति में, हाल ही में आई पक्षपातपूर्ण, भारत के शीर्ष नेतृत्व पर आधारहीन आक्षेपों से युक्त बीबीसी डाक्यूमेंट्री औपनिवेशिक पिछलग्गूपने तथा आधारहीन झूठे पुलिंदों का प्रतीक मात्र है। इस डॉक्यूमेंट्री के संदर्भ में कुछ विपक्षी दलों के नेता तथा तथाकथित बुद्धिजीवी भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित कर निम्न स्तरीय व्यवहार के कुत्सित प्रयासों में संलिप्त हो रहे हैं, जो कि निंदनीय है।

भारतीय न्याय व्यवस्था ने गुजरात दंगों के विषय पर स्पष्ट निर्णय दिया है तथा लोकतांत्रिक ढंग से जिसपर तथ्याधारित विचारों ने स्थिति को पूर्णतया स्पष्ट कर दिया है, उस स्थिति को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास करती है। कुछ शैक्षणिक संस्थानों में असामाजिक तथा हुड़दंगियों द्वारा अवैध ढंग से इस डॉक्यूमेंट्री को प्रस्तुत करने के असफल प्रयास हो रहे हैं। इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की तथ्यहीनता तथा प्रोपेगेंडा प्रवृत्ति के कारण ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी अस्वीकार्यता प्राप्त हुई। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने के प्रयास, औपनिवेशिक मानसिकता के कारण उपजे हीनता बोध तथा हताशा का प्रतीक हैं।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, "गुजरात दंगों पर सबकुछ भारतीय न्याय व्यवस्था द्वारा साफ कर दिए जाने के बावजूद विदेशी ताकतों द्वारा भ्रमपूर्ण स्थिति बनाने तथा विदेशी मीडिया ट्रायल की कोशिशें बंद होनी चाहिए। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में कुछेक छात्र संगठन तथा असामाजिक तत्व इस मामले में भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित करने के असफल प्रयास कर रहे हैं। इस तरह के औपनिवेशिक पिछलग्गूपने की स्थिति पर रोक लगना नितांत आवश्यक है।

(यह प्रेस विज्ञप्ति केंद्रीय कार्यालय मंत्री श्री दिगंबर पवार द्वारा जारी की गयी है।)

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