अभाविप ने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (AMIE) डिग्री को पुनः मान्यता प्रदान करने के संदर्भ में AICTE में सौपा ज्ञापन।

                                                                                            दि.  21 फ़रवरी 2024   

-:प्रेस विज्ञप्ति:-

अभाविप ने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (AMIE) डिग्री को पुनः मान्यता प्रदान करने के संदर्भ में AICTE में सौंपा ज्ञापन।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता  द्वारा संचालित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के एसोसिएट सदस्य (AMIE) डिग्री को पुनः मान्यता प्रदान करने के सम्बन्ध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अध्यक्ष को ज्ञापन दिया है।

उल्लेखनीय है कि द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के द्वारा वर्षों से  AMIE डिग्री की परीक्षा आयोजित की जाती रही है, जिसे  शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा बी.ई/ बीटेक डिग्री के समकक्ष मान्यता प्रदान की गयी थी। यह मान्यता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्सकोलकाता द्वारा आयोजित कुल 15 विषयों में परीक्षाओं के लिए इस शर्त पर दी गयी थी कि इन विषयों में प्राप्त डिग्री का उपयोग केवल केंद्र सरकार की नियुक्तियों में ही किया जायेगा। परन्तु शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इन 15 विषयों में डिग्री को प्रतिबंधित कर दिया गया और पूर्व से प्राप्त डिग्री को भी 10 जुलाई 2012 के बाद केंद्र सरकार की किसी भी नियुक्तियों हेतु अवैध करार दे दिया गया। अभाविप ने इस डिग्री को पुनः मान्यता देने की माँग की है, जिससे इस डिग्री के धारकों को सहूलियत हो सके।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफेशनल डिप्लोमा होल्डर्स के लिए AMIE ही एकमात्र माध्यम है जिसे बी.ई/ बीटेक के समकक्ष मान्यता प्राप्त थी। परन्तु शिक्षा विभाग के डिग्री को प्रतिबंधित करने के आदेश से लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है, जिससे छात्रों, अभिभावकों एवं संस्था के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा संचालित AMIE कोर्स को पूर्व की भांति वर्ष 2013 से आगे AICTE / शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करने एवं इन डिग्रियों को बी.ई/बी.टेक के समकक्ष दर्जा दिए जाने की माँग विद्यार्थी परिषद करती है।

(यह प्रेस विज्ञप्ति केन्द्रीय कार्यालय मंत्री श्री दिगम्बर पवार द्वारा जारी की गयी है)

 

 

 

 

 

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