दिनांक: 18 फरवरी 2022
-: प्रेस विज्ञप्ति :-
प्रतिशोध की भावना से काम कर रही तमिलनाडु सरकार - अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 12 कार्यकर्ताओं के ऊपर बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए, तमिलनाडु प्रशासन द्वारा Cr.P.C की धारा 154 के अंतर्गत ग़लत आवासीय पता देने का झूठा मुकदमा दर्ज़ किया गया है। कुछ दिनों पूर्व, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के आवास के सामने लावण्या के लिए न्याय की माँग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी सहित असंवैधानिक रूप से गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया था। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के सेक्रेड हार्ट विद्यालय में मतान्तरण के दबाव के कारण आत्महत्या करने वाली छात्रा लावण्या के लिए अभाविप लगातार न्याय के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह स्पष्ट करना चाहती है कि ये सभी 12 छात्र जिनपर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है, वे सभी छात्र गरीब पृष्ठभूमि से तमिलनाडु के दूर दराज इलाक़ों से आते हैं। चेन्नई, त्रिची जैसे महानगरों में छात्रों के लिए रहकर शिक्षा ग्रहण करना आर्थिक रूप से कठिन होता है। इसलिए ऐसे छात्रों के लिए आवास, भोजन की व्यवस्था अभाविप अन्य सहायता समूहों की मदद से करती है। उन सबने पुलिस को अपनी आवासीय जानकारी के रूप में ऐसे स्थान का ही पता दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे सामान्य वर्ग के छात्र, जो इस आंदोलन में जुड़े हैं, उनका शोषण मात्र उनके पते के आधार पर किया जा रहा है जो एक प्रकार से उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का भी हनन है। उनको इस प्रकार से परेशान करना, उन्हें शिक्षा के अवसर से वंचित करने का प्रयास है। वहीं दूसरी ओर पूर्व में तमिलनाडु में द्रमुक के कार्यकर्ताओं द्वारा एस वी शेखर के घर पर पत्थरबाज़ी के बाद वास्तव में गलत पता देने के आरोप पर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री कु. प्रेरणा पावर ने कहा, "तमिलनाडु सरकार जिस बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है, वह लोकतंत्र की मर्यादा को छिन्न-भिन्न करने वाला है। ऐसे आधारहीन मुकदमे डालकर छात्रों के शिक्षा के अधिकार का भी दमन किया जा रहा है । अपने ही राज्य के छात्रों से प्रतिशोध लेने की भावना से कार्य करना, सरकार की नीयत पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। ऐसी कार्रवाई करने के पीछे सरकार का प्रयोजन अभाविप के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ना और लावण्या के लिए न्याय की मांग को दबाने का है जिसमें वो कभी सफल नहीं होंगे। हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता न्याय के लिए संघर्षरत रहने के लिए प्रतिबद्ध है।"
(यह प्रेस विज्ञप्ति केंद्रीय कार्यालय मंत्री सुमित पाण्डेय द्वारा जारी की गई है।)
