The incident of burning people alive in West Bengal's Birbhum is horrifying: ABVP

दिनांक: 23 मार्च 2022

-: प्रेस विज्ञप्ति :-

बंगाल के बीरभूम में लोगों को जिन्दा जलाना भयावह: अभाविप

तृणमूल कांग्रेस की सरकार में बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक

बंगाल के बीरभूम में बच्चों एवं महिलाओं समेत 10 लोगों को जिंदा जला देने की हृदय विदारक घटना की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद निंदा करती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में कारुणिक अवस्था में पहुंच चुकी राज्य की कानून व्यवस्था का यह प्रथम उदाहरण नहीं है। पूर्व में भी, पांथिक एवं राजनैतिक आधार पर पश्चिम बंगाल के निवासियों को हिंसा का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा जिहादी मानसिकता के तहत किए गए हिंसक कृत्यों के कारण एक बड़ी आबादी को कई इलाकों से पलायन करना पड़ा था।

विदित हो कि सोमवार की शाम को बीरभूम जिले के अंतर्गत आने वाली बार्शल पंचायत के उप-प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद, रामपुरहाट इलाके में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई। जिसके बाद, भारी आगजनी की गई और इसी में 6 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 10 लोगों की जिंदा जलकर मृत्यु हो गई।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा, "वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था का अस्तित्व खतरे में नज़र आता है। राज्य असामाजिक तत्वों का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति देखकर लगता है कि वामपंथी शासन का बर्बरतापूर्ण युग एक बार फिर बंगाल की धरती पर आकर खड़ा हो गया है। राजनैतिक मतभेद के कारण लोगों को जिंदा जला देना, मानवता को शर्मसार करने वाला काम है। हम इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की माँग करते हैं और समाज के सभी वर्गों से भी आग्रह करते हैं कि ऐसे अनैतिक तत्वों के विरुद्ध खड़े हो।"

(यह प्रेस विज्ञप्ति केंद्रीय कार्यालय मंत्री सुमित पाण्डेय द्वारा जारी की गई है।)

 

Date: 23rd March 2022

-: Press Release: -

The incident of burning people alive in West Bengal's Birbhum is horrifying: ABVP

The law-and-order situation in Bengal under the Trinamool Congress government is worrisome

Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad strongly condemns the heart-wrenching incident of burning 10 people alive including, children and women in Birbhum, Bengal. This is not the first instance of the state's law and order situation reaching a critical stage during the reign of Mamata Banerjee as Cheif Minister of West Bengal. In the past too, the residents of West Bengal had to face violence on religious and political grounds. After the state assembly elections, TMC cadre with a jihadi mindset unleashed violence on a large population which then had to migrate from many areas.

After the murder of Bhadu Sheikh, the deputy head of Barshal panchayat under Birbhum district, on Monday evening, violence broke out between two groups of Trinamool Congress in the Rampurhat area. After which, there was an arson and in this 10 people including 6 women and 2 children were burnt alive.

National General Secretary of Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad, Nidhi Tripathi said, "At present, the existence of law and order in West Bengal seems to be in danger. The state is becoming a stronghold of anti-social elements. Seeing such a situation, it seems that the barbaric era of Communist rule has once again come to the fore on the soil of Bengal. Burning people alive due to political differences is an act of shame to humanity. We demand a ground-level inquiry in this matter and also urge all sections of the society to stand against such immoral acts."

(This Press Release has been issued by Central Office Secretary Sumit Pandey.)

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