दिनांक: 16 जून 2021
-: प्रेस विज्ञप्ति :-
विदेश में अध्ययन हेतु भारतीय छात्रों को टीकाकरण सम्बन्धी समस्याओं का हो तुरंत समाधान: अभाविप
अभाविप ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को सौंपा ज्ञापन
अभाविप ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को भारतीय छात्रों, जिन्हें कोवैक्सिन का टीका लगाया गया है और 18 वर्ष से कम आयु के छात्र जो टीकाकरण की आयु सीमा में नहीं आते हैं, उनके विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा तथा सरकार से विदेश में पढ़ने की योजना बना रहे छात्रों की समस्याओं को तुरंत हल करने का अनुरोध भी किया।
अभाविप ने अपने ज्ञापन से माननीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का ध्यान विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए संघर्ष कर रहे भारतीय छात्रों की ओर आकर्षित किया। अभाविप ने अपने ज्ञापन में बताया कि,संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित कई देश कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले भारतीय छात्रों को 'अवांछित' या टिकरहित मान रहे हैं। इस तरह के व्यवहार से भारतीय छात्रों को गंभीर असुविधा और शैक्षणिक नुकसान होने का अनुमान है। यह ध्यान रखना प्रासंगिक है कि भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से किए गए रोग विषयक परीक्षणों में कोवैक्सीन वायरस के विरुद्ध 78% प्रभावी साबित हुई है। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी सहित दुनिया भर के शीर्ष वायरोलोजिस्ट ने माना है कि भारत की कोवैक्सिन कोरोना वायरस के 617 प्रकारों के विरुद्ध प्रभावी है।
इसके अलावा, कई उच्च माध्यमिक छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं तथा 18 वर्ष से कम आयु के छात्र जिन्होंने अमेरिकी या ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सैट पास किया है, अभी तक टीकाकरण नीति के अन्तर्गत नहीं आते हैं, ऐसे में बाहर के विश्विद्यालयों के ऐसे रवैये से उनके शैक्षणिक नुकसान होने का खतरा है।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “अनिश्चितता और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अभाविप ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से अनुरोध किया कि वे विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं को देखें और तुरंत उनका समाधान करें। हमने माननीय स्वास्थ्य मंत्री से जल्द से जल्द इस संबंध में एक बयान जारी करने का भी अनुरोध किया है, ताकि छात्रों और उनके परिजनों की चिंताओं को दूर किया जा सके। हमने सरकार से डब्ल्यूएचओ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास करने का भी अनुरोध किया है।”
Date: 16th June, 2021
-: Press Release: -
Address vaccination related issues of Indian students intending to study abroad immediately: ABVP
ABVP writes to Union Minister of Health and Family Welfare
Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) submits a memorandum to the Union Minister of Health and Family Welfare regarding admissions of Indian students, who are vaccinated with Covaxin and students below the age of 18 years who do not fall within vaccination bracket, to the foreign universities.
ABVP in its memorandum to Dr. Harsh Vardhan, Union Minister of Health and Family Welfare, drew attention towards the Indian students struggling for admission to the foreign universities. Many countries including USA and European countries are treating Indian students vaccinated with Covaxin as 'unvaccinated'. Such treatment is a source of a grave inconvenience and academic loss to the Indian students. It is pertinent to note that Covaxin has proved to be 78% effective against the virus in the clinical trials conducted by Bharat Biotech in collaboration with ICMR and National Institute of Virology. Top virologosts from all over the world including Dr. Anthony Fauci, Chief Medical Advisor to the White House have conceded that Covaxin has been found to be effective against 617 variants of Corona virus.
Apart from this, many higher secondary students apply for admissions to foreign universities. Students aged below 18 who have passed SAT for admissions to American or British Universities have not yet been covered under the vaccination policy which makes them prone to academic loss.
ABVP National General Secretary Sushri Nidhi Tripathi said, "Looking at the uncertainty and the gravity of the situation, ABVP has today requested the Union Minister of Health and Family Welfare to look into and resolve the issues faced by the students who wish to study abroad. We have also requested the minister to issue a statement with regards to the same at the earliest, so that the concerns of students and their parents are addressed. We have also requested the government to try and end the impasse with WHO and other international organisations."