NCPCR inquiry report highlights the harassment faced by 17yr old Lavanya: ABVP

दिनांक: 3 मार्च  2022

-: प्रेस विज्ञप्ति:-

एनसीपीसीआर जांच रिपोर्ट में 17 वर्षीय लावण्या के उत्पीड़न की सच्चाई आई बाहर: अभाविप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ईसाई मत में जबरन मत परिवर्तन के प्रयास के कारण लावण्या आत्महत्या मामले में जांच पर अपनी रिपोर्ट दी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी जांच रिपोर्ट का स्वागत करती है जिसमें लावण्या के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को उजागर किया गया है।

ज्ञात हो कि अभाविप लंबे समय से तमिलनाडु सरकार के खिलाफ लावण्या के लिए न्याय की मांग कर रही है और शैक्षणिक संस्थानों में जबरन मतांतरण के प्रयासों के खिलाफ लगातार देश भर में आवाज उठा रही है। अभाविप ने एनसीपीसीआर में 17 वर्षीय लावण्या के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनके आत्महत्या मामले की जल्द से जल्द जांच की मांग की गई थी। इसके बाद एनसीपीसीआर ने जांच प्रक्रिया शुरू की और तमिलनाडु के तंजावुर जिले का दौरा भी किया। एनसीपीसीआर की टीम ने उस स्कूल का दौरा किया जहां लावण्या को प्रताड़ित किया गया और ईसाई मत अपनाने के लिए मजबूर किया गया था। जांच के संचालन से एनसीपीसीआर द्वारा जारी रिपोर्ट में लावण्या के आत्महत्या मामले के संबंध में कई तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, "नाबालिग को ईसाई मत में परिवर्तित करने के लिए मजबूर किया जा रहा था" और सबूतों को हटाने के लिए अभियुक्तों द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एनसीपीसीआर द्वारा की गई जांच की सराहना करती है।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “लावण्या के लिए अभाविप की लड़ाई परिणाम दे रही है। नाबालिग लावण्या की आवाज अब अनसुनी नहीं रही और सच्चाई अपना रास्ता तलाश रही है। एनसीपीसीआर ने पूरे मामले को लेकर गंभीर चिंता जताई है। साक्ष्य मिटाने में पुलिस की भूमिका भी सामने आ रही है। शैक्षिक परिसरों में जबरदस्ती मतांतरण के बारे में बहुत कुछ है जो राष्ट्र को लावण्या के मामले की जांच से पता चल जाएगा। ”

(यह प्रेस विज्ञप्ति केंद्रीय कार्यालय मंत्री सुमित पाण्डेय द्वारा जारी की गई है।)

Date: 3rd March 2022

-: Press Release: -

 

NCPCR inquiry report highlights the harassment faced by 17yr old Lavanya: ABVP

 

The National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) has given its report on the inquiry in the Lavanya suicide case of attempted-forced-conversion into Christianity. Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) welcomes the Commission’s enquiry report, which had highlighted the harassment and abuse faced by minor girl Lavanya.

It must be known that ABVP, for long has been protesting against the Tamil Nadu government, demanding justice for Lavanya and constantly raising voice across the country against the forceful conversion attempts in educational institutions. ABVP had also filed a complaint to NCPCR putting forth the case of 17-year-old Lavanya, demanding inquiry of her suicide case at the earliest. Subsequently, the NCPCR committee initiated the inquiry process and visited the Thanjavur district of Tamil Nadu.

The NCPCR team visited the school where Lavanya was tortured and forced to convert to Christianity. The conduct of the enquiry has revealed various facts concerning the suicide case of Lavanya in the inquiry report issued by the NCPCR. The report clearly states, "the minor was being forced to convert into Christianity" and highlights the various methods used by the accused to remove the evidence. The ABVP appreciates the inquiry conducted by the NCPCR and acknowledges the revelation of truth in the report issued by the commission.

ABVP National General Secretary Nidhi Tripathi said, “ABVP’s fight for Lavanya is bearing fruits. The voice of the minor Lavanya is no more unheard and the truth is finding its way out. The NCPCR has pointed out serious concerns regarding the whole case. The role of police in erasing the pieces of evidence is also coming to light. There is a lot about forceful conversions in educational campuses that the nation will come to know with the inquiry in Lavanya’s case.”

(This Press Release has been issued by Central Office Secretary Sumit Pandey.)

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