ABVP and DUSU joint memorandum to the VC of Delhi University regarding irregular cutoff in admission

दिनांक: 09 अक्टूबर 2021

-: प्रेस विज्ञप्ति :-

अनियमित कट-ऑफ़ के समाधान हेतु अभाविप-डूसु ने की डीयू कुलपति से माँग

 अभाविप तथा डूसू ने संयुक्त रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के नवीन कुलपति को सौंपा ज्ञापन

 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश सिंह एवं अन्य सम्बंधित अधिकारी से मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में प्रवेश के लिए जारी की गई कट ऑफ में अनियमितता तथा अन्य प्रवेश प्रक्रिया संबंधित समस्याओं पर बात की तथा साथ ही साथ कुलपति को अपना ज्ञापन भी सौंपा।

 ज्ञात हो की प्रवेश प्रक्रिया में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में दाखिले के लिए जारी की गई कट-ऑफ में अनियमितता के विरोध में अभाविप का प्रदर्शन गत 4 अक्टूबर से जारी है तथा अभाविप की मांग है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को नामांकन प्रक्रिया में राजकीय बोर्ड के अंको को समानीकरण करके प्रवेश दिया जाए। इन्ही मांगो को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का प्रतिनिधि मंडल तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ योगेश सिंह से मिलकर प्रवेश प्रक्रिया में चल रही गड़बड़ी तथा भेदभाव से कुलपति एवं प्रशासन से विस्तृत चर्चा की।

 विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी प्रवेश में जाँच का आश्वासन दिया एवं यह भी बताया कि सभी प्रवेश अनंतिम (provisional) हैं और देशभर के छात्रों का हित ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय कार्य करेगा। विश्वविद्यालय ने विभिन्न बोर्ड के विषयों को प्राप्त समतुल्यता की भी जाँच कराने की बात कही।

 अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री सिद्धार्थ यादव जी ने कहा, "हमारी कुलपति से लगभग 1 घंटा चर्चा हुई जिसमें हमने प्रशासन के समक्ष सभी विषयों को रखा। कुलपति महोदय ने लापरवाही स्वीकार करते हुए छात्रहित में फ़ैसले का आश्वासन दिया। हम प्रशासन के साथ मिलकर समाधान खोजना चाहते हैं। अगर प्रशासन इसमें विफल होगा तो हम छात्रसंघ के माध्यम से कोर्ट का रास्ता भी अपनाएँगे।”

 अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जी ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठित संस्थान जिस प्रकार शत् प्रतिशत कट-ऑफ़ जारी कर रहे हैंइससे वित्तीय रूप से निम्न वर्ग से आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ पक्षपात हुआ है। प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हर विद्यार्थी को है। प्रशासन को इस मामले का संज्ञान लेकर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है एवं लापरवाही हेतु जवाबदेही तय करने की बात भी कही है।" 

  

(यह प्रेस विज्ञप्ति केन्द्रीय कार्यालय मंत्री सुमित पाण्डेय द्वारा जारी की गई है।)

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