Agneepath Military Recruitment Scheme accepted by the Leadership of three forces is strategically necessary - ABVP

19 जून 2022, नई दिल्ली 

'अग्निपथ' योजना का हिंसक तथा अराजक विरोध निंदनीय

तीनों सेनाओं के नेतृत्व द्वारा स्वीकार्य अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना सामरिक दृष्टि से आवश्यक: अभाविप

वर्ष 2022 हेतु सैन्य भर्ती की अधिकतम आयु 23 वर्ष करने का निर्णय स्वागतयोग्य

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, देश की तीनों सेनाओं के नेतृत्व द्वारा स्वीकार्य अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को सामरिक दृष्टि से आवश्यक एवं कोरोना काल में आये व्यवधान को देखते हुए 2022 हेतु अधिकतम आयुसीमा 23 वर्ष तक बढ़ाने के निर्णय का स्वागत करती है।

'अग्निपथ' योजना की घोषणा के बाद जिस प्रकार से हिंसक तथा अराजक विरोध हुआ, वह बेहद निंदनीय है। युवाओं की चिंता का निवारण सरकार से बातचीत कर किया जा सकता है, परंतु हिंसा उत्थान का मार्ग नहीं हो सकता है। युवाओं की आशाओं को हिंसा के अवैध पथ पर मोड़ने के कुत्सित प्रयासों को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों से स्वस्थ प्रयास किया जाना अपेक्षित है।

देश की आंतरिक सुरक्षा के कूटनीतिक विषय में तीनो सेनाओं के नेतृत्व द्वारा वर्तमान समय की सामरिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिए गए निर्णय पर विभिन्न राजनैतिक समूहों द्वारा बिना सोचे समझे की गई अनपेक्षित टिप्पणियों से अग्निपथ भर्ती योजना के देशहित में भावी उद्देश्यों की हानि हुई है,जो कि अत्यंत चिंताजनक तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।

कोरोना काल में सैन्य भर्ती में आये व्यवधान के कारण लाखों युवा आयुसीमा पार कर गए है, जिसके निवारण हेतु परिषद ने जून 2021 में ही अधिकतम आयुसीमा में छूट की माँग की थी जिसे पूर्ण किया गया है।

अग्निवीरों को भविष्य में अर्द्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस तथा अन्य क्षेत्रों में विशेष आरक्षण दिए जाने की घोषणाओं का भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद स्वागत करती है। सेना में प्रशिक्षित हुए अग्निवीर निश्चित ही अन्य क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण कार्य कर देश के विकास में सहभागी बनेंगे तथा इन क्षेत्रों में अपेक्षित सुधारों के वाहक होंगे।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि ने कहा कि, "अग्निपथ योजना देश में सैन्य सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। इस योजना के संबंध में जो स्थितियां गलत आंकलन या राजनीतिक दुर्भावनावश बनी हैं, वह नहीं होनी चाहिए थीं। अगर इस योजना के संबंध में किसी भी हितधारक को शंका है,तो उसके निर्मूलन हेतु स्वस्थ कदम उठाना ही सही रास्ता होगा।"

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