दिनांक: 29 अक्तूबर 2023
-: शोक संदेश :-
वरिष्ठ प्रचारक व कुशल संगठनकर्ता श्री रंगा हरि जी के निधन पर शोक संदेश।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, प्रखर विद्वान, कुशल संगठनकर्ता, बहुआयामी लेखक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्व अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख श्री रंगा हरि जी के निधन पर शोक व्यक्त करती है। माननीय रंगा हरि जी का निधन अत्यंत पीड़ादायक है। उनका जन्म 12 मई, 1930 को कोच्चि में हुआ और अप्रैल 1951 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर, संघ की विभिन्न भूमिकाओं में रहते हुए उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता तथा अटूट समर्पण का परिचय दिया।
स्व. रंगा हरि जी ने अपना जीवन पूर्णरूपेण राष्ट्रीय विचारों के प्रसार को समर्पित कर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख के रूप में देशवासियों को संघ विचार से परिचित कराया तथा देशसेवा के लिए प्रेरित किया था। स्व. रंगा हरि जी का एक परिचय उनका सफल लेखकीय व्यक्तित्व भी है, उनकी लिखी पुस्तकों द्वारा देश-विदेश में अनेक लोग भारतीयता को केन्द्रित विचारों को सही दृष्टिकोण से समझ पाए। बीते 11 अक्टूबर को उनकी लिखी गई पुस्तक 'पृथ्वी सूक्त: धरती माता के प्रति एक श्रद्धांजलि' पुस्तक का विमोचन किया गया, यह पुस्तक पृथ्वी के साथ मनुष्य के संबंधों पर प्रकाश डालती है और ऐसी अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जो मानवता को आध्यात्मिकता के साथ जोड़ती है। स्व. रंगा हरि जी के अंतिम समय तक सभी को उनका मार्गदर्शन तथा स्नेह प्राप्त होता रहा।
स्व. रंगा हरि जी का पूर्ण जीवन देशसेवा तथा संघ कार्य को समर्पित रहा, ऐसी देश विभूति के निधन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल तथा राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने अभाविप कार्यकर्ताओं का अंतिम प्रणाम निवेदित करते हुए उनसे प्रेरणा पाए हुए असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनाओं को व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की सद्गति हेतु प्रार्थना की।
(यह शोक संदेश केंद्रीय कार्यालय मंत्री श्री दिगंबर पवार द्वारा जारी किया गया है।)