Entrance test or Normalisation of Marks be the basis - demands ABVP for DU admissions

दिनांक: 8 अक्टूबर 2021

-: प्रेस विज्ञप्ति :-

 प्रवेश परीक्षा अथवा अंकों का मानकीकरण हो डीयू में प्रवेश का आधार: अभाविप

 ग्रामीण क्षेत्रों एवं आम छात्रों के हितों को लेकर किया दिल्ली विवि प्रशासन का पुतला फूंक ज़ोरदार प्रदर्शन।

 ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को डीयू प्रवेश प्रक्रिया में न्याय मिले इस हेतु अभाविप ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंक ज़ोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की मुख्य माँगों में बढ़ी हुई कट-ऑफ़ को ठीक करना, नामांकन प्रक्रिया में राजकीय बोर्ड के नंबर को नॉर्मलाइज करके दाखिला दें, तत्काल प्रभाव से नामांकन प्रक्रिया को रोका जाए, नामांकन हेतु छात्रों की प्रारंभिक स्क्रीनिंग कराई जाए।

 ध्यान हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 1 अक्टूबर को सत्र 2021-22 के नामांकन हेतु पहली कट ऑफ जारी की थी जिसमें पिछले वर्षों की तुलना में अनियमित उछाल देखा गया। परिणाम स्वरूप 99 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र भी हिंदू, हंसराज, रामजस जैसे देश के प्रतिष्ठ महाविद्यालयों में दाखिले से वंचित रह गए। इस 100 प्रतिशत वाले कट ऑफ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान सुदूर ग्रामीण इलाकों से आने वाले उन छात्रों को हुआ है जो पूरे साल दिल्ली विश्वविद्यालय में नामांकन हेतु मेहनत करते हैं एवं सीमित अवसरों और सीमित संसाधनों के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं। इस ऊंचे कट ऑफ के कारण केवल कुछ राज्य बोर्ड के छात्र ही दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश ले पा रहे हैं। इस भेदभावपूर्ण व्यवहार के विरुद्ध पिछले 3 दिनों से अभाविप का दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रदर्शन चल रहा है।

 अभाविप प्रांत मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि “विश्वविद्यालय के नकारेपन के कारण छात्रों का भविष्य ख़तरे में है। कुछ राज्यों के बोर्ड द्वारा अधिक अंक देने से देश के सभी छात्र न्याय से वंचित हैं। हम किसी एक बोर्ड या एक राज्य के विरुद्ध नहीं हैं, हमारी माँग है कि देश के सभी राज्य एवं बोर्ड के विद्यार्थियों को समान प्रवेश का अवसर मिले। दिल्ली विश्वविद्यालय को कोरोना की इस विपरीत परिस्थिति में नामांकन हेतु कोई दूसरा विकल्प अपनाना चाहिए था।”

 अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि “दिल्ली विश्वविद्यालय की विशेषता डीयू की विविधता है लेकिन इस कट ऑफ के कारण गांव, कस्बों से आने वाले आम छात्र नामांकन से वंचित रह जायेंगे और डीयू की विविधता खत्म हो जाएगी, और केवल वही छात्र डीयू आ पाएंगे जिनके पास संसाधन और अवसर अधिक होंगे। इसलिए प्रशासन को इसके लिए तत्काल प्रभाव से इसका समाधान करना चाहिए ताकि ग्रामीण परिवेश के छात्रों को न्याय मिल सके। हमारी माँग है कि या तो छात्रों का स्क्रीनिंग टेस्ट कराया जाए या फिर अंकों का मानकीकरण किया जाए।

  

(यह प्रेस विज्ञप्ति केन्द्रीय कार्यालय मंत्री सुमित पाण्डेय द्वारा जारी की गई है।)

 

Date: 8th October 2021

-: Press Release: -

Entrance test or Normalisation of Marks be the basis of admissions in DU: ABVP

 To safeguard interests of common and rural background students, strong protests were held with effigy burning of DU administration

 In order to ensure justice for students hailing from the rural areas in admissions of Delhi University (DU), Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) protested against the DU administration by burning its effigy. The major demands included fixing the increased cut-offs, normalizing the results of state board in the admission process, stopping the ongoing admission process with immediate effect, and preliminary screening of students for admission.

 It may be noted that the Delhi University had released the first cut-off for the session 2021-22 on 1st October, which saw an irregular hike as compared to the previous years. As a result, students who got 99 percent marks were also deprived of admission in prestigious colleges of the country like Hindu College, Hansraj College and Ramjas College. Due to this 100 percent cut-off, students coming from rural areas who work hard to enroll in Delhi University throughout the year and pursue their studies with limited opportunities and resources are also disadvantaged. Due to this high cut-off, only some state board students where marks have been inflated are able to take admission in Delhi University. ABVP's protest is going on in Delhi University against this discriminatory behaviour for the last three days.

 Sidharth Yadav, State Secretary of ABVP Delhi, said, “The future of students is in in danger due to the shortsightedness of the university. Students of the country are deprived of justice because of inflated results of few state boards. We are not against any one board or one state, we demand that students from all states and boards of the country should get an equal opportunity of admission. Delhi University should have adopted an alternative option for admission in this adverse situation of COVID-19 pandemic.”

 While addressing students, National General Secretary of ABVP Nidhi Tripathi said, "The speciality of Delhi University is its diversity. But due to this cut-off, ordinary students coming from villages, towns will be deprived of enrollment and the diversity of DU is in danger. Only the students with more resources and opportunities will be able to take admission to DU. Therefore, the administration should solve it with immediate effect so that students of rural background can get justice. ABVP demands that either a screening test of students be done or the marks be normalised.”

 

(This Press Release has been issued by Central Office Secretary Sumit Pandey.)

 

 

 

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